कुछ अरमान दिल में हमने भी सजाये हैं
हम भी कुछ हैं दुनिया को बताना है
हमने भी सोचा है कुछ , कुछ हमने भी चाहा है
हम छुवेंगें बुलंदी को हमें आसमान को झुकाना है
मितायेंगें ये उंछ नीच की दिवार हमारी आरजू हर ख्वाब को हकीकत बनाना है
दुनिया के दस्तूरों से दूर एक प्यारा जहाँ बनाना है
जहाँ न हो भ्रष्टाचार धर्म मजहब और जाती पाती की बातें ,
सिर्फ़ हो मानवता की पूजा सच्चाई और ईमानदारी का व्रत
ऐसा एक जहाँ हमें बसाना है
तोड़ कर राजनैतिक दीवारों को मिटा कर अमीरी गरीबी के मतभेद को
हमें मिलकर प्रेम गीत गाना है
प्रणय की वर्षा करके चाहत के फूल खिला कर क्लिष्ट और क्लान्ति मिटा कर
हमें स्रष्टि को महकना है
प्यार के फूल खिला कर मन से मन को मिला कर हमें ह्रदय की प्यास बुझाना है
"आत्म गौरव हमारी इज्जत हमारी शान है
दुनिया से अज्ञानता, अंधविश्वास मिटाना हमारा अरमान hai"
4 comments:
bahut sundar sapna h ise haqikat me badalne me lage rahiye
हमें स्रष्टि को महकना है
bahut badhiya
अच्छी लगी आपकी रचना ।
बहुत उम्दा रचना। बधाई....
एक टिप्पणी भेजें