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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

हिन्दी कविता मंच : माँ ...........तेरे जाने के बाद

तेरे जाने के बाद: जब मै जन्मा तो मेरे लबो सबसे पहले तेरा नाम आया, बचपन से जवानी तक हर पल तेरे साथ बिताया. लेकिन पता नहीं तू कहा चली गयी रुशवा होक...

रविवार, 2 फ़रवरी 2014

मैं नहीं चाहता प्रिय-- राघवेन्द्र त्रिपाठी "राघव"

 इस अनजाने अपनेपन की प्रिय,मैं नहीं चाहता कोई वर्णन कोई परिभाषा हो ||                        मेरे जीवन की सुप्त चेतना ,                         तेरे नयनो में होती विम्बित |                         मेरा...