यहा हर तरफ है बिछा हुआ भ्रष्टाचार !
हर तरफ फैला है काला बाजार !!
राजा करते है स्पेक्ट्रम घोटाला !
जनता कहती है उफ मार डाला !!लालू का चारा कलमाणी का राष्ट्रमण्डल !जनता बेचारी घुट रही है पल-पल !!यहा होते है घोटाले करोणो मे !यहा फलता है भ्र्ष्टाचार नेताओं के पेङो मे !!मेरी दुनिया का इतिहास है ये,चोरी,दंगा,फसाद है ये !बलात्कार,जुर्म और शोषण,मनुष्यो का इतिहास है ये !!हत्या,फिरौती और लूट दुनिया का इश्तहार है ये !नेता,डीलर और किलर रीश्तो मे रीश्तेदार है ये !!और हमारे नेता कांट्रेक्ट किलर के बाप है ये !मंच और भाषण मे फिल्मो के अमिताभ है ये !!लाखो नही...