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मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

मेरा हिन्दुस्तान



मेरा हिन्दोस्तान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
इसके नेता बडे महान
इनके गुण गाते गाते
डोल गया मेरा ईमान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
रहो स्वदेशी और शाकाहारी
इस पर देते भाषण भारीत्
खुद अमरीका जा कर खाते मास
और करते हैं मदिरा पान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
तरह तरह के जात भेद हैं
तरह तरह धन खाते हैं
पर एक सुर हो जाते हैं
जब बेचते हैम अपना इमान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
भ्रश्टाचार मे नहीं कोई इनका सानी
पढे लिखे इनके आगे भरते पानी
जितना बडा सकैंडल इनका
उतना ही नेता महान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
पडोसी देश से नहीं कोई खतरा
बस यात्रा अपना सिद्धांत
फिर भी हो कारगिल दुर्घटना
तो सरकार मनाये विजय अभियान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
नेता कहते हम बैठे हैं तुम ना चिन्ता करना
फैक्टरियां बेचो विदेशों को तुम ना नौकरी करना
क्या रखा है पैसे धेले मे लो्राम का नाम
बस एक ही सोठी एक लंगोटी बापू की पहचान
ये है मेरा हिन्दोस्तान
कितने करें इनके गुणगा
ये है मेरा हिन्दोस्तान्

4 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

"नेताओं का बदल गया है,
धर्म और ईमान।
जितने बडा करे घोटाला,
उतना बने महान।
ये है मेरा हिन्दोस्तान।"
सत्य वचन।

Harshvardhan ने कहा…

bahut sahi .... post achchi lagi... yah sachchayi hai....

हिन्दी साहित्य मंच ने कहा…

बेहद सुन्दर रचना ।

Unknown ने कहा…

भाव पूर्ण प्रस्तुति । बधाई