तुम्हे याद है हम दोनों पहले यहाँ आते थे
घंटो रेत पर बैठ कर,
एक दूसरे की बातों में खो जाते थे
तुम घुटनों तक उतर जाती थी सागर के पानी में
और मै किनारे खड़ा तुम्हे देखता था
पहले तो तुम बहुत चंचल थी
लेकिन अब क्यों हो गई हो
समुद्र की गहराई की तरह शांत
और मै बेकल जैसे समुद्र में उठती लहर...