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सोमवार, 10 जनवरी 2011

कवि का प्यार...............(सत्यम शिवम)

कवि को हो गया लेखनी से प्यार,
इसी उधेरबुन में वो है लाचार,
अपनी पीडा लेखनी को क्या बताऊँ,
साथी को अपना साथ कैसे समझाऊँ।
मेरी पहचान है तेरे बगैर,
उस दीप का जो बात के बिन क्या अँधेरा दूर करे,
मेरी संगीत है तेरे बगैर,
उस गीत सा जो ताल के बिन क्या मधुर रस शोर करे।

तु राग है,और मै तेरा हमराज हूँ,
कैसे कहुँ मेरी कविता का बस तु ही साज है।

शब्दों को गढ़ कैसे मुझे लुभाती है,
कविता से कवि को कैसे कैसे सपने दिखाती है।

छन छन थिरक नर्तकी सी,
वो नृत्यांगना मेरे दिल पे,
कामदेव के बाण चलाती है।

मै लिखना चाहता हूँ कुछ और,
वो लिख देती है कुछ और ही,

मै कहना चाहता हूँ कुछ और,
वो सुन लेती है कुछ और ही।

कुछ कहना चाहता हूँ मै,
अपनी प्रेम गाथा,
पर लेखनी से कैसे कहूँ दिल की व्यथा।

वो तो बस शर्मा के हँस देती है,
मेरी हर कविता को नया रँग वो देती है।

चाहता हूँ कर दूँ प्यार का इजहार,
बस डरता हूँ क्या होगा इसका प्रतिकार।

यदि लेखनी मुझसे रुठ कर मुँह फेर ले,
कैसे सजाऊँगा फिर विचारों को शेर में।


कवि को हो गया लेखनी से प्यार,
इसी उधेरबुन में वो है लाचार...........

कविवर जितेन्द्र जौहर को मिला ‘सृजन-सम्मान-२०१०’



रॉबर्ट्‍सगंज (सोनभद्र, उप्र, भारत)
२३ दिसम्बर,२०१०
स्थानीय विवेकानन्द प्रेक्षालय में अंग्रेज़ी दैनिक ‘सोनभद्र कॉलिंग’ के विमोचन समारोह एवं हिन्दी दैनिक ‘बहुजन परिवार’ के स्थापना-दिवस के संयुक्त मौक़े पर ‘प्रेरणा’ (त्रैमा) के संपादकीय सलाहकार एवं सुपरिचित कवि श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ को साहित्यिक योगदान के लिए वर्ष-२०१० के द्वितीय ‘सृजन-सम्मान’ से अलंकृत किया गया। श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ को यह सम्मान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सोनभद्र के उप ज़िलाधिकारी श्री त्रिलोकी सिंह एवं विशिष्ट अतिथि बेसिक शिक्षाधिकारी श्री राजेश कुमार सिंह के साथ वरिष्ठ साहित्यकार पं. अजय शेखर तथा देश के ख्यातिलब्ध बुज़ुर्ग शाइर व ‘यथार्थ गीता’ के उर्दू मुतर्जिम मुनीर बख़्श आलम साहब के कर-कमलों द्वारा प्रदान किया गया।

ग़ौरतलब है कि कन्नौज (उप्र) में जन्मे श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ ने देश-विदेश की 200-250 पत्र-पत्रिकाओं, वीडियो एलबम, वेब-मैगज़ीन्ज़, ब्लॉग्ज़, न्यूज़-पोर्टल्ज़ पर अपने उत्कृष्ट चिंतनप्रधान मौलिक लेखन तथा समीक्षाओं के साथ ही टेलीविज़न, आकाशवाणी एवं काव्य-मंचों पर ओजस्वी व मर्यादित हास्य-व्यंग्यपरक रचनाओं की प्रस्तुतियों व मंच-संचालन के माध्यम से जनपद सोनभद्र की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करायी है।
अभी हाल ही में देश की लोकप्रिय साहित्यिक-सांस्कृतिक त्रैमासिक पत्रिका ‘सरस्वती सुमन’(देहरादून) ने उन्हें अपने आगामी ‘मुक्तक/रुबाई विशेषांक’ का अतिथि संपादक मनोनीत किया है। वे देश की प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका ‘अभिनव प्रयास’ (अलीगढ़) के विशिष्ट सहयोगी भी हैं।
पेशे से अंग्रेज़ी विषय के प्रतिभा-सम्पन्न अध्यापक श्री जितेन्द्र जौहर के हिन्दी-प्रेम की सर्वत्र सराहना होती रही है। उन्होंने देश के विभिन्न विद्यालयों-महाविद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं, आदि द्वारा आयोजित ‘कम्युनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल’, ‘आर्ट ऑफ़ पब्लिक स्पीकिंग’, ‘सेल्फ़ डेवलपमेण्ट’, ‘फॉनेटिक्स ऑफ़ इंग्लिश’ जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर अनेकानेक कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रभावशाली भागीदारी निभाते हुए शैक्षिक योगदान भी दिया है।

समारोह के इस अवसर पर ‘भ्रष्टाचार और पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित एक विचार-गोष्ठी में पत्रकार विजय विनीत ने विषय-प्रवर्तन किया। जनपद के वरिष्ठ साहित्यकारों सर्व श्री मुनीर बख़्श आलम, पं. अजय शेखर, विमल जालान, डॉ. अर्जुन दास केसरी, कथाकार रामनाथ शिवेन्द्र एवं महाकाल समाचार के संपादक श्रीवास्तव जी, सहित अनेक वरिष्ठ पत्रकारों तथा साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कविवर श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ को बधाई दी। संपादक श्री आशुतोष चौबे ने अपने जोशीले उद्‌बोधन में भ्रष्टाचार के कतिपय पहलुओं पर प्रमाण-सम्मत प्रकाश डाला। उन्होंने समस्त पाठकों व नागरिकों के अपनत्व के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए निष्पक्ष तथा निर्भीक पत्रकारिता के साथ ही उच्च गुणवत्तायुक्त वैचारिक सामग्री के प्रकाशन का आश्वासन दिया। उपस्थित विद्वानों ने श्री अभिषेक चौबे के कुशल संपादन तथा लगन, निष्ठा और समर्पण की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस अवसर पर भोजपुरी के वरिष्ठ गीतकार श्री जगदीश पंथी को सम्मानित करने के अतिरिक्त समाचार-पत्र द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि ने ट्रॉफी व प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया ।

हिन्दी दैनिक ‘बहुजन परिवार’ तथा अंग्रेज़ी दैनिक ‘सोनभद्र कॉलिंग’ के संपादक श्री अभिषेक चौबे के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम का सफल संयोजन बूरो चीफ़ श्री ब्रजेश कुमार पाठक एवं टीम ने तथा संचालन आशुतोष पाण्डेय ‘मुन्ना’ ने किया।

उक्त मौक़े पर एबीआई कॉलेज की वरिष्ठ हिन्दी अध्यापिका श्रीमती सुशीला चौबे और जेसीज बालभवन की हेड मिस्ट्रेस डॉ. विभा दुबे सहित भारी संख्या में जनपद के पत्रकार, वरिष्ठ साहित्यकार एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
@समाचार-प्रस्तुति : मुदिता गर्ग