नूतन वर्ष की सौम्य पटल पर,
आओ सुहाना गीत हम गाये।
नव वर्ष का आमंत्रण फिर कर,
नया ताजगी, नव स्फुर्ति पाये।
संकल्प ले हम आज धरा पर,
सुंदर सा नया संसार बसाये।
भूला दे कटुता, वैर तज कर,
बस प्यार की पावन गंगा बहाये।
सुमनों की कोमलता चुन कर,
नव स्वप्नों से जीवन बुन कर,
सरिता की कल कल का शोर,
फिर डुबा सूरज हुआ है भोर।
फिर स्वर में सुर ताल सजा कर,
जीवन का नवगीत हम गाये।
नभ में तारे जगमग जगमग,
हर्षित है धरा, प्रकाशित है नभ।
चाँद सजा है आसमान पर,
जीवन ज्योत भी हम आज जलाये।
आओ सुहाना गीत हम गाये।
नव वर्ष का आमंत्रण फिर कर,
नया ताजगी, नव स्फुर्ति पाये।
संकल्प ले हम आज धरा पर,
सुंदर सा नया संसार बसाये।
भूला दे कटुता, वैर तज कर,
बस प्यार की पावन गंगा बहाये।
सुमनों की कोमलता चुन कर,
नव स्वप्नों से जीवन बुन कर,
सरिता की कल कल का शोर,
फिर डुबा सूरज हुआ है भोर।
फिर स्वर में सुर ताल सजा कर,
जीवन का नवगीत हम गाये।
नभ में तारे जगमग जगमग,
हर्षित है धरा, प्रकाशित है नभ।
चाँद सजा है आसमान पर,
जीवन ज्योत भी हम आज जलाये।
नूतन वर्ष की सौम्य पटल पर,
आओ सुहाना गीत हम गाये।