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मंगलवार, 22 सितंबर 2009

कुछ अरमान दिल में हमने भी --- --संतोष कुमार "प्यासा"

कुछ अरमान दिल में हमने भी सजाये हैं


हम भी कुछ हैं दुनिया को बताना है


हमने भी सोचा है कुछ , कुछ हमने भी चाहा है


हम छुवेंगें बुलंदी को हमें आसमान को झुकाना है


मितायेंगें ये उंछ नीच की दिवार हमारी आरजू हर ख्वाब को हकीकत बनाना है


दुनिया के दस्तूरों से दूर एक प्यारा जहाँ बनाना है


जहाँ हो भ्रष्टाचार धर्म मजहब और जाती पाती की बातें ,


सिर्फ़ हो मानवता की पूजा सच्चाई और ईमानदारी का व्रत


ऐसा एक जहाँ हमें बसाना है


तोड़ कर राजनैतिक दीवारों को मिटा कर अमीरी गरीबी के मतभेद को


हमें मिलकर प्रेम गीत गाना है


प्रणय की वर्षा करके चाहत के फूल खिला कर क्लिष्ट और क्लान्ति मिटा कर


हमें स्रष्टि को महकना है

प्यार के फूल खिला कर मन से मन को मिला कर हमें ह्रदय की प्यास बुझाना है


"आत्म गौरव हमारी इज्जत हमारी शान है

दुनिया से अज्ञानता, अंधविश्वास मिटाना हमारा अरमान hai"

हिन्दी साहित्य मंच "तृतीय कविता प्रतियोगिता" दिसंबर माह से

हिन्दी साहित्य मंच "तृतीय कविता प्रतियोगिता" दिसंबर माह से शुरु हो रही है। इस कविता प्रतियोगिता के लिए किसी विषय का निर्धारण नहीं किया गया है अतः साहित्यप्रेमी स्वइच्छा से किसी भी विषय पर अपनी रचना भेज सकते हैं । रचना आपकी स्वरचित होना अनिवार्य है । आपकी रचना हमें नवंबर माह के अन्तिम दिन तक मिल जानी चाहिए । इसके बाद आयी हुई रचना स्वीकार नहीं की जायेगी ।आप अपनी रचना हमें " यूनिकोड या क्रूर्तिदेव " फांट में ही भेंजें । आप सभी से यह अनुरोध है कि मात्र एक ही रचना हमें कविता प्रतियोगिता हेतु भेजें ।



प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाली रचना को पुरस्कृत किया जायेगा । दो रचना को सांत्वना पुरस्कार दिया जायेगा । सर्वश्रेष्ठ कविता का चयन हमारे निर्णायक मण्डल द्वारा किया जायेगा । जो सभी को मान्य होगा । आइये इस प्रयास को सफल बनायें । हमारे इस पते पर अपनी रचना भेजें -hindisahityamanch@gmail.com .आप हमारे इस नं पर संपर्क कर सकते हैं- 09891584813, 09818837469

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