ये जग मुसाफिर खाना,
थोड़े दिन का ठिकाना,
दिन दश के व्यवहार में,
सतकर्म कुछ कर जाना ।
एक भवर जीवन जगत,
मुश्किल होगा बच पाना,
कटु वचन विष से कड़वा,
अमृत ही वर्षा जाना।
अमीर गरीब का कल्याण कर,
काया-कलेश मोह भगाना,
श्रद्धावान हृदय हो निरंतर,
तुम ऐसा प्रेरणा दे जाना ।
मन का भेद भाव मिटे,
जंजीर टूटे माया का,
त्याग,समर्पण, मंगल कामना,
मानवता का नीव चला जाना।
जीवन की कहानी अमर रहे,
सौभाग्य बने धरती पर आना,
कॉंटों का जाल दुनियॉं,
सम्भव नही कुशल निकल जाना।
तुम्हारा वक्त पुरा हुआ,
प्रकृति कानून ही समझाना,
ये जग मुसाफिर खाना,
थोड़े दिन का ठिकाना ।
थोड़े दिन का ठिकाना,
दिन दश के व्यवहार में,
सतकर्म कुछ कर जाना ।
एक भवर जीवन जगत,
मुश्किल होगा बच पाना,
कटु वचन विष से कड़वा,
अमृत ही वर्षा जाना।
अमीर गरीब का कल्याण कर,
काया-कलेश मोह भगाना,
श्रद्धावान हृदय हो निरंतर,
तुम ऐसा प्रेरणा दे जाना ।
मन का भेद भाव मिटे,
जंजीर टूटे माया का,
त्याग,समर्पण, मंगल कामना,
मानवता का नीव चला जाना।
जीवन की कहानी अमर रहे,
सौभाग्य बने धरती पर आना,
कॉंटों का जाल दुनियॉं,
सम्भव नही कुशल निकल जाना।
तुम्हारा वक्त पुरा हुआ,
प्रकृति कानून ही समझाना,
ये जग मुसाफिर खाना,
थोड़े दिन का ठिकाना ।