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बुधवार, 12 अगस्त 2009

----आतंकवाद----- मानस खत्री

वर्तमान में भारत के ३ दुश्मन महान,


एक बावरिया,


दूसरा मुहनोचवा,


और तीसरा कच्छा बनियान.


देश की अपनी थी बहुत ही शान,


मिट्टी में मिला दिया इसे,


अरे! शैतान!!!


बोलो जय जय सीता राम!!-(२)



वर्तमान.......


एक.....



क्या मिलता है तुम्हे बहा कर रक्त?


क्यों बर्वाद करते हो इसमें अपना अमूल्य वक़्त?


छोड़ दो इन भयानक कर्यों को,


बन जाओ अच्छे इन्सान,


बोलो जय शंकर भगवान्!!-(२)



वर्तमान.......


एक.....


करते हो लोगों की नींदें हराम,


आतंक मचा रखा है तुमने तमाम,


सहमा हुआ है नगर का हर इन्सान,


अब तेरे पापों का घड़ा भर चुक है,


रे शैतान.


बोलो जय पवन पुत्र हनुमान!!-(२)




वर्तमान.......


एक.....-(२)


{अगर आप को ये शैतान मिल जायें तो आप क्या करेंगे ?

हाँ अगर मुझे ये मिल जायें तो मैं जो करूँगा, उन्हे अंतिम पंक्तिओं में कहता हूँ -}


"मुझे मिल जाओ अगर तुम सब शैतान,


टुकड़े-टुकड़े कर देंगे तेरे ओ शैतान,


मिटा देंगे नाम तेरा देश से,


तब हम लेंगे चैन की साँस!!"




वर्तमान में.........