आज कल शहर में, सन्नाटे बहुत गहरे हुए जाते है ।
कोई रोको हमे की हम, अब प्यार में दीवाने हुए जाते है ।।
तेरे ख्याल बस अब मेरे, जीने के सहारे हुए जाते है ।
वरना आजकल तो खुद ही हम, खुद से वेगाने हुए जाते है ।।
ज़िन्दगी ले चली है, हमे जाने किस मोड़ पर।
अब तो रास्ते ही मेरे, ठिकाने हुए जाते है ।।
मोहब्बत का करम है, जो मुझे ये किस्मत ।
अब तो बातो- में न जाने ,कितने फसाने हुए जाते है।।
चंद लम्हो में मिली ,है जो दौलत हम को ।
इतने नशे में है,कि मयखाने हुए जाते है।।
मेरी बातो को हसी में न लेना, मैं सच कहती हूँ ।
कि अब हर खुशी के आप ही, बहाने हुए जाते है ।।
रुकी-रुकी सी नदी थी, ये जिन्दगी मेरी ।
अब तो रुकना-ठहरना लगता है, अफ़साने हुए जाते है।।
कोई रोको हमे की हम, अब प्यार में दीवाने हुए जाते है ।।
तेरे ख्याल बस अब मेरे, जीने के सहारे हुए जाते है ।
वरना आजकल तो खुद ही हम, खुद से वेगाने हुए जाते है ।।
ज़िन्दगी ले चली है, हमे जाने किस मोड़ पर।
अब तो रास्ते ही मेरे, ठिकाने हुए जाते है ।।
मोहब्बत का करम है, जो मुझे ये किस्मत ।
अब तो बातो- में न जाने ,कितने फसाने हुए जाते है।।
चंद लम्हो में मिली ,है जो दौलत हम को ।
इतने नशे में है,कि मयखाने हुए जाते है।।
मेरी बातो को हसी में न लेना, मैं सच कहती हूँ ।
कि अब हर खुशी के आप ही, बहाने हुए जाते है ।।
रुकी-रुकी सी नदी थी, ये जिन्दगी मेरी ।
अब तो रुकना-ठहरना लगता है, अफ़साने हुए जाते है।।