बचपन में
माँ रख देती थी चाकलेट
तकिये के नीचे
कितना खुश होता
सुबह-सुबह चाकलेट देखकर।
माँ बताया करती
जो बच्चे अच्छे काम
करते हैं
उनके सपनों में परी आती
और देकर चली जाती चाकलेट।
मुझे क्या पता था
वो परी कोई और नहीं
माँ ही थी।

कृष्ण कुमार यादव
माँ रख देती थी चाकलेट
तकिये के नीचे
कितना खुश होता
सुबह-सुबह चाकलेट देखकर।
माँ बताया करती
जो बच्चे अच्छे काम
करते हैं
उनके सपनों में परी आती
और देकर चली जाती चाकलेट।
मुझे क्या पता था
वो परी कोई और नहीं
माँ ही थी।

कृष्ण कुमार यादव