विवेक आलोक विस्तृत हो जग में
छट जाए दुःख दरिद्रता का अंधकार
पग-पग सौहार्द के दीप जलाए
प्रेमालोक में डूब जाए संसार
उर की अभिलाषाए पूर्ण करें
दीपावली का यह शुभ त्यौहार.....
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"हिंदी साहित्य मंच" की ओर से आप सभी को प्रकाशपर्व की हार्दिक शुभकामनाए!
छवि गूगल से साभार....