मेरे दर्द का ,किसी को एहसास नहीं ,
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं ,
क्या हुआ क्यों भीड़ में तन्हा हूँ ,
क्यों खुशियों को मै रास नहीं ,
मेरे दर्द का ,किसी को एहसास नहीं ,
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं ,
क्या हुआ क्यों भीड़ में तन्हा हूँ ,
क्यों खुशियों को मै रास नहीं ,
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं ,
क्या हुआ क्यों भीड़ में तन्हा हूँ ,
क्यों खुशियों को मै रास नहीं ,
मेरे दर्द का ,किसी को एहसास नहीं ,
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं ,
क्या हुआ क्यों भीड़ में तन्हा हूँ ,
क्यों खुशियों को मै रास नहीं ,
इस ज़माने में , कोई मेरे साथ नहीं