उसने पूरी ताकत से चिल्लाकर कुछ पाने की गुहार लगाई। कई बार आवाज लगाने और दरवाजा भड़भड़ाने पर अंदर से घर की मालकिन बाहर निकलीं।
-‘‘क्या है? क्यों शोर कर रहे हो?’’
-‘‘कुछ खाने को दे दो, दो दिन से कुछ खाया नहीं’’ उस बच्चे ने डरते-डरते कहा।.............‘‘बहुत भूख लगी है’’ लड़के ने अपनी बात पूरी की।
मालकिन ने उसको ऊपर से नीचे तक घूरा और कुछ कहती उससे पहले अंदर से उसके बेटे ने साड़ी खींचते हुए अपनी माँ से सवाल किया-‘‘मम्मी, भूख क्या होती है?’’
उस औरत ने अपने बच्चे को गोद में उठाकर दरवाजे के बाहर खड़े बच्चे को देखा और कुछ लाने के लिए घर के अंदर चली गई।
-‘‘क्या है? क्यों शोर कर रहे हो?’’
-‘‘कुछ खाने को दे दो, दो दिन से कुछ खाया नहीं’’ उस बच्चे ने डरते-डरते कहा।.............‘‘बहुत भूख लगी है’’ लड़के ने अपनी बात पूरी की।
मालकिन ने उसको ऊपर से नीचे तक घूरा और कुछ कहती उससे पहले अंदर से उसके बेटे ने साड़ी खींचते हुए अपनी माँ से सवाल किया-‘‘मम्मी, भूख क्या होती है?’’
उस औरत ने अपने बच्चे को गोद में उठाकर दरवाजे के बाहर खड़े बच्चे को देखा और कुछ लाने के लिए घर के अंदर चली गई।