हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

रविवार, 2 जनवरी 2011

नये वर्ष में नयी उड़ान... {नजरिया} सन्तोष कुमार "प्यासा"




जब भी हम कुछ नये के बारे में सोंचते है तो मन में एक नयी उमंग उठने लगती है ! उस नये के लिए हम खुद को भी नया कर लेते(कर लेना चाहते है) है! सच में नवीनता में आनंद देने की शक्ति है, फिर चाहे वह नवीनता किसी भी प्रकार की क्यूँ न हो ! जब नवीनता किसी बच्चे के रूप में किसी के यहाँ जन्म लेने वाली होती है तो उस घर को ही नहीं बल्कि पुरे परिवार को एक नयी ख़ुशी एक नयी शांति प्रदान करती है ! सब उस नन्हे मेहमान के आने का बेसब्री से इंतजार करते है! तरह-तरह की योजनाएं बने जाती है ! कोई उसके नाम के बारे में सोंचता है तो कोई उसके खिलौनों, कपड़ों के बारे में ! इस नए मेहमान में इतनी शक्ति होती है की "बूढ़े दादा-दादी, नाना-नानी, जिन्हें अच्छा खाने, पहनने इत्यादि से कोई ख़ुशी नहीं होती उन्हें ये नन्हा मेहमान अपार खुशी देता है, और उनके बचे हुए जीवन को आनंद से भर देता है !
नवीनता का यही लक्षण है! नवीनता ऐसे ही अपने साथ खुशियाँ है ! जब किसी बच्चे के लिए नये खिलौने या कपडे आते है तो वो उन्हें पाकर खुशी से उछल पड़ता है ! या जब कभी किसी बच्चे का दाखिला किसी नये स्कूल के कराया जाता है, तो उस समय भी उसके (बच्चे के) चेहरे में एक नयी उमंग एक नया कौतुहल देखा जा सकता है !
वास्तव में नवीनता शक्ति और आनन्द की पुंज है ! नवीनता गहरे-से-गहरे दुःख, दर्द को इस भांति ढक लेती है, जैसे शरद-ऋतु के प्रारंभ में पुष्प काश्मीर की वादियों को ढक लेते हैं !
वैसे तो नवीनता स्वत: ही हमरी समस्याओं को ऐसे मिटा देती है जैसे सावन-की-बहार पतझड़ को मिटती है, पर यदि हम अपनी समस्याओं/गलतियों को हटाने का प्रयाश करें तो नवीनता उसी प्रकार हमरे जीवन को सुन्दर-मनोरम बना देगी, जैसे माली पतझड़ की सुखी पत्तियों, खास फूस आदि को हटा कर उपवन को सुन्दर बनता है !
हमें पिछली बैटन को भूलकर, पुरानी असफलताओं से सीख लेकर पुन: नवरूप से मन में नव-उमंग भर सफलता के लिए प्रयास करना चाहिए। नये वर्ष का आगमन हो चुका है। अब हमें अपने जीवन को नये रंग ढंग से सजाने का संकल्प लेना चाहिए ! पिछले वर्ष दशे में जो कुछ भी अशुभ घटा उसके लिए अफसेास न कर हमें प्रयास करना चाहिए की अब आगे से हम एैसा न होने देंगें हंमारी ही गलतियों से समाज में समस्याएं उत्पन्न होतीं है, जिन्हे हमें सुधारना हैं।
नया वष्र हाॅथ में मंगल थाल लिये हमारी प्रतीक्षा कर रहा है, खुशिंयाॅ हाॅथों में पुश्प् लिए हमारे चारो ओर खडीं हैं, दिशाऐं शाॅती का राग गा रही हैं। हम अपनी गलतियों को सुधार कर नए वर्ष के संग शुभ कार्य करने एवं भाईचारे की भावना को जिवित रखने का संकल्प लेते हैं।