नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है
खुशियों की बस चाहत है
नया हो जोश, नया उल्लास
खुशियाँ फैले अपरम्पार
मिटे मँहगाई और भ्रष्टाचार
जीवन स्तर में भी हो सुधार
नैतिकता के ऊँचे मूल्य गढ़ें
सबकी मर्यादा रहे बरकरार
कोई भूखा पेट न सोये
गरीबों का भी हो उद्धार
ऐ नव वर्ष के प्रथम प्रभात
स्तुति तुम्हारी बारम्बार।
आकांक्षा यादव