हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

मंगलवार, 10 मई 2011

"सूरज आया"......................ललित कर्मा

सबको राम राम,
वह सुबह बहुत मासूम थी जब मै जागा बिलकुल नन्हे शिशु सी | प्रारंभ बच्चो को सिखाने के तरीके से हुई और फिर दोपहर, शाम, रात तक आगे बढ़ी और फिर अंत से शुरुआत की ओर चली .... हर रात के बाद सुबह होती है ...


"सूरज आया"
कौन आया?
सूरज आया,
क्या लाया?
उजाला लाया|१|
--
उठो, उठो,
भोर हुई,
जल्दी करो,
रात गई|२|
--
मुह हाथ धोओ,
पेट साफ करो,
ठंडा/कुनकुना नहाओ,
और ईश का ध्यान करो|३|
--
खाना खाओ,
खाली पेट न यूँ घुमो,
फिर अपने काम लगो,
लगन से उसमे रामो|४|
--
घर आओ,
अब दिन ढला,
नीड़ हमारा है,
सबसे भला|५|
--
दीप-बाती आओ जला ले,
ईश वंदना करें,
हे प्रभु,हे कृपालु,
तू संताप हरे|६|
--
भूख लगी,
अब खाना खाए,
धन्यवाद कर,
प्रभु के गुण गए|७|
--
राम भला हो,
अब नीद सताएं,
सुंदर सपनों में,
अब खो जाये|८|
--
उठो कोई आया है,
कौन आया?,
सूरज आया,
उजाला लाया|९|
--
चलो उठते है,
प्रथम धन्य हे भगवन,
भली नींद हुई,
दिखाए सुंदर स्वपन