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गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

भ्रष्टाचार

यहा हर तरफ है बिछा हुआ भ्रष्टाचार !
हर तरफ फैला है काला बाजार !!
राजा करते है स्पेक्ट्रम घोटाला !
जनता कहती है उफ मार डाला !!
लालू का चारा कलमाणी का राष्ट्रमण्डल !
जनता बेचारी घुट रही है पल-पल !!
यहा होते है घोटाले करोणो मे !
यहा फलता है भ्र्ष्टाचार नेताओं के पेङो मे !!
मेरी दुनिया का इतिहास है ये,चोरी,दंगा,फसाद है ये !
बलात्कार,जुर्म और शोषण,मनुष्यो का इतिहास है ये !!
हत्या,फिरौती और लूट दुनिया का इश्तहार है ये !
नेता,डीलर और किलर रीश्तो मे रीश्तेदार है ये !!
और हमारे नेता कांट्रेक्ट किलर के बाप है ये !
मंच और भाषण मे फिल्मो के अमिताभ है ये !!
लाखो नही करोणो नही अरबो का व्यापार है ये !
शान्ति और शौहार्द नही नताओ का जंगलराज है ये!!
स्वीस बैंक मे पङा रुप्पया नेताओ की शान है ये !
भ्रष्ट्राचार से घिरा भ्रष्ट समाज है ये !!
नेता नोटो की माला पहने मरे ये जनता बेचारी !
नेता करता बङा घोटाला मरे चाहे दुनिया सारी !!
चुनाव के पहले प्यार दिखाये !
चुनाव के बाद तलवार दिखाये !!
ये है घर के भेदी लूटे हिन्दुस्तान को !
जाती,धर्म के नाम पर बाते इन्सान को !!
चुनाव के पहले करते रहते भैया भैया !
चुनाव के बाद इन्के लिये सबसे बङा रुप्पया !!
भ्रष्ट्राचार हो गयी है इस देश की बिमारी !
जिसमे पिस रही निर्दोष जनता बेचारी !!