हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

" मेरी बहन तु सलामत रहे" - मिथिलेश दुबे

हे ईश्वर मै तुझसे बहुत प्यार करता हुं,
तुझ पर,मै अपना सबकुछ न्योछावर करता हुं,
पर मै अपनी बहन पे तुझसे ज्यादा विश्वास करता हुं।


हो अगर खता कभी तू माफ करना मुझे और मेरी बहन को,
देना पङे यदि सजा, तो देना मुझे, बचा लेना मेरी बहन को।


मेरी बहन लाखो, करोणो मे नही , बल्की इस दुनियां मे सिर्फ मे एक है,
लग जाये उसको मेरी सारी उम्र, यदि इस वसुन्धँरा मे कोई नेक है।


धन्यवाद देता हूं तुझको, है उस पर मुझे नाज ,
हे गुङिया गर्व करेगा तुझ पर आने वाला पूरा समाज ।


मेरी बहन होने पर आपको धन्यवाद देता हुं
इस दुनियां की सारी खूशिया उपहार देता हुं
रहो सलामत, रहो चाहे जहां भगवान से बस यही दुआ करता हुं।