दोस्त बन कर मुकर गया कोई
अपने दिल ही से डर गया कोई
आँख में अब तलक है परछाईं
दिल में ऐसे उतर गया कोई
सबकी ख़्वाहिश को रख के ज़िंदा फिर
ख़ामुशी से लो मर गया कोई
जो भी लौटा तबाह ही लौटा
फिर से लेकिन उधर गया कोई
"दोस्त" कैसे बदल गया देखो
मोजज़ा ये भी कर गया कोई
अपने दिल ही से डर गया कोई
आँख में अब तलक है परछाईं
दिल में ऐसे उतर गया कोई
सबकी ख़्वाहिश को रख के ज़िंदा फिर
ख़ामुशी से लो मर गया कोई
जो भी लौटा तबाह ही लौटा
फिर से लेकिन उधर गया कोई
"दोस्त" कैसे बदल गया देखो
मोजज़ा ये भी कर गया कोई