आखिर किस सभ्यता का बीज बो रहे हैं
लोग अपनी ही गलतियों पर आज रो रहे हैं
लोग हर तरफ फैली है झूठ और फरेब की
आग फिर भी अंजान बने सो रहे है
लोग दौलत की आरजू में यूं मशगूल हैं
सब झूठी शान के लिए खुद को खो रहे हैं लोग
जाति, धर्म और मजहब के नाम पर
लहू का दाग लहू से धो रहे हैं
लोग ऋषि मुनियों के इस पाक जमीं
पर क्या थे और क्या हो रहे है लोग
लोग अपनी ही गलतियों पर आज रो रहे हैं
लोग हर तरफ फैली है झूठ और फरेब की
आग फिर भी अंजान बने सो रहे है
लोग दौलत की आरजू में यूं मशगूल हैं
सब झूठी शान के लिए खुद को खो रहे हैं लोग
जाति, धर्म और मजहब के नाम पर
लहू का दाग लहू से धो रहे हैं
लोग ऋषि मुनियों के इस पाक जमीं
पर क्या थे और क्या हो रहे है लोग