हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

मंगलवार, 26 जनवरी 2010

गर्व है उन पर राष्ट्र को

"साखो से टूट जायें, वो पत्ते नहीं है हम,
आंधी से कह दो कि , औकात में रहा करे "


कुछ ऐसा ही जज्बा है भारत के वीर सपूतों का । जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपनी अन्तिम सांस तक अदम्य साहस शक्ति और वीरता का परिचय देते सभी खतरों से डट कर सामना किया । भारतीय गणतंत्र के सभी नागरिकों को गर्व है भारत के इन सपूतों पर । इन वीरो नें भारत माता के विरुद्ध उठने वाली किसी भी साजिश को साकार रुप नहीं लेने दिया ।

वीरो को समर्पित ये रचना -------

गर्व है उन पर राष्ट्र को
जो आज प्राप्त हैं वीरगति को
गूंजती है तालियां नाम पर उनके
आखें छलकती हैं साहस पर उनकें

क्या जोश था इन वीरों का
जो सामने से ये लड़े
न खौफ था मौत का,
न डरे लड़ते रहें, अन्तिम सांस तक
वीरता के साथ ही
बीरगति को प्राप्त की

उल्लास है, हर्ष है
खामोश सा हवाओं में
दर्द तो है हमे भी ऐ शहीद
और गर्व है भारतीय को
कारनामा जो तुमने किया

शत-शत नमन् करता है भारत
जो ऐसे वीरों को जन्म दिया।।