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रविवार, 22 अगस्त 2010

तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म---------मिथिलेश दुबे

तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म
मची है लोगों मे देखो कैसी घमासान
बन पड़ा है देखो कैसा माहौल
लग रहे हैं एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
क्या हो जायेगा अगर मेरा धर्म नीचा
तेरा धर्म महान
आखिर पिसता तो है इन सबके बीच इंसान
जहाँ खाने के लिए रोटी नहीं
पहनने के लिए वस्त्र नहीं
रहने के लिए घर नहीं
वहां का मुद्दा बन पड़ा है
तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म महान,,,,,,,,,,,
जहाँ फैला है भ्रष्टाचार चहूं ओर
जहाँ नेता बन बैठा है भाग्य बिधाता
जहाँ अशिक्षा हावी है शिक्षा पर
जहाँ देखने वालों की भी गिनती है अंधो में
वहाँ मुद्दा बन पड़ा है
तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म .......
जहां मां तोड‍ देती है दम प्रसव के दौरान
जहाँ बच्चे शिकार होते हैं कुपोषण का
जहाँ लड‍‌कियो को अब भी समझा जाता है बोझ
वहाँ मुद्दा बन पड़ा है
तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म .....