कल मैने एक बस स्टाप पर पढा कि “यहाँ बस ठहरती है समय नही” .... सच, समय तो कभी नही रुकता. बस चलता ही रहता है. अब ये अपने उपर है कि हम इसका कितना इस्तेमाल कर पाते हैं ...
इसमे कोई शक नही कि जमाना बदल रहा है. चारो तरफ बस बदलाव ही बदलाव है ... कोई भी क्षेत्र ले लो हर जगह यही हाल है. समय की माँग़ को देखते हुए आजकल पढाई पर भी बहुत जोर दिया जाने लगा है ..बहुत अच्छा लगता है यह सब देख कर. पर दुख तब होता है जब इतनी पढाई के बाद भी ढ्ग की नौकरी नही मिलती. खास कर लडकियो और महिलाओ के लिए तो और भी ज्यादा सोचने की बात हो जाती है ...ऐसे मे ना सिर्फ उन्हे घर बैठना पड जाता है बलिक वो खुद को भी बेकार मह्सूस करने लगती हैं कि हमारा पढा लिखा होना सब बेकार .. किसी काम ना आया ... यही बात लागू होती है उन लोगो पर जो नौकरी से रिटायर हो कर खाली बैठ जाते है . अब सोचने की बात है कि इतना अनुभव किस काम आएगा .... ना तो कोई उनकी बाते सुनने को तैयार ना कोई पास बैठने को तैयार ... तो फिर वो क्या करें ..बात सिर्फ इनकी ही नही है बलिक उन नौजवानो की भी है जो दिन रात अच्छी नौकरी की तलाश मे बस घूमते ही रहते है पर मन पसंद नौकरी नही मिल पाती .तो क्या वो भी हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाए ..घर वालो पर बोझ बन जाए. कई बार ऐसे भी परिवार होते है जिनका तबादला होता रहता है और नया सर्कल ना बनने के कारण वो अकेले हो जाते हैं और बोर होते रहते हैं उन्हे नई जगह आकर समय निकालना एक बोझ लगने लगता है ऐसे मे वो करें तो क्या करें जबकि वो कुछ क्रियात्मक करना चाहते हैं ....ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है . पर सोचने की बात है कि फिर ऐसे मे किया तो क्या किया जाए ..कहने को हमारी टेकनोलोजी ने बहुत कुछ किया है पर इस क्षेत्र मे भी कुछ किया है या नही ...
तो मेरा जवाब है कि हाँ ... इस क्षेत्र मे भी बहुत कुछ हो रहा है पर अभी पूरी जानकारी ना होने के कारण इसे सही दिशा नही मिल पा रही है ..अब आपके मन मे प्रश्न आ रहा होगा कि क्या है यह ....और हम क्या कर सकते हैं
असल मे अगर हम काम करना चाहते है तो चाहे हम खाली घर पर बैठे हो या पार्ट टाईम काम कर रहे हो ... हम इसे आराम से घर बैठ कर कमाई का साधन बना सकते है बस इसके लिए आपको थोडी कम्प्यूटर की नालिज होनी जरुरी है और आपकी लग्न और इच्छा शक्ति. अगर यह सब आप मे है तो ज्यादा समय मत लगाइए बस काम मे जुट जाइए और मौके का फायदा उठा कर इसे कमाई का साधन भी बनाइए .
इसे “होम बेसड बिजनस” कहा जाता है या “वर्क एट होम” यानि घर बैठ कर काम करना भी कहते है ..इस काम मे आप दिन मे अपने हिसाब से 2-4 घंटे या जितना आप समय निकाल सकते हैं उतना निकाल कर जुट जाइए ..
अब बात यहाँ आती है कि सही जानकारी कहाँ से और कैसे मिल सकती है तो इसका हल भी है .. वैसे तो बहुत साईट है आपको जानकारी देने के लिए पर आपको सारी जानकारी अगर चाहिए तो इस क्षेत्र मे एक जाना माना नाम है संजय गुप्ता का .. उन्होने पिछ्ले 3-4 सालो मे इस पर बहुत काम किया है और वो इस नतीजे पर पहुचें है कि अगर इस काम को गम्भीरता से किया जाए तो सफलता आपके कदमो मे होगी.
तो क्या आप तैयार है नई दुनिया मे कदम रखने को....
इसमे कोई शक नही कि जमाना बदल रहा है. चारो तरफ बस बदलाव ही बदलाव है ... कोई भी क्षेत्र ले लो हर जगह यही हाल है. समय की माँग़ को देखते हुए आजकल पढाई पर भी बहुत जोर दिया जाने लगा है ..बहुत अच्छा लगता है यह सब देख कर. पर दुख तब होता है जब इतनी पढाई के बाद भी ढ्ग की नौकरी नही मिलती. खास कर लडकियो और महिलाओ के लिए तो और भी ज्यादा सोचने की बात हो जाती है ...ऐसे मे ना सिर्फ उन्हे घर बैठना पड जाता है बलिक वो खुद को भी बेकार मह्सूस करने लगती हैं कि हमारा पढा लिखा होना सब बेकार .. किसी काम ना आया ... यही बात लागू होती है उन लोगो पर जो नौकरी से रिटायर हो कर खाली बैठ जाते है . अब सोचने की बात है कि इतना अनुभव किस काम आएगा .... ना तो कोई उनकी बाते सुनने को तैयार ना कोई पास बैठने को तैयार ... तो फिर वो क्या करें ..बात सिर्फ इनकी ही नही है बलिक उन नौजवानो की भी है जो दिन रात अच्छी नौकरी की तलाश मे बस घूमते ही रहते है पर मन पसंद नौकरी नही मिल पाती .तो क्या वो भी हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाए ..घर वालो पर बोझ बन जाए. कई बार ऐसे भी परिवार होते है जिनका तबादला होता रहता है और नया सर्कल ना बनने के कारण वो अकेले हो जाते हैं और बोर होते रहते हैं उन्हे नई जगह आकर समय निकालना एक बोझ लगने लगता है ऐसे मे वो करें तो क्या करें जबकि वो कुछ क्रियात्मक करना चाहते हैं ....ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है . पर सोचने की बात है कि फिर ऐसे मे किया तो क्या किया जाए ..कहने को हमारी टेकनोलोजी ने बहुत कुछ किया है पर इस क्षेत्र मे भी कुछ किया है या नही ...
तो मेरा जवाब है कि हाँ ... इस क्षेत्र मे भी बहुत कुछ हो रहा है पर अभी पूरी जानकारी ना होने के कारण इसे सही दिशा नही मिल पा रही है ..अब आपके मन मे प्रश्न आ रहा होगा कि क्या है यह ....और हम क्या कर सकते हैं
असल मे अगर हम काम करना चाहते है तो चाहे हम खाली घर पर बैठे हो या पार्ट टाईम काम कर रहे हो ... हम इसे आराम से घर बैठ कर कमाई का साधन बना सकते है बस इसके लिए आपको थोडी कम्प्यूटर की नालिज होनी जरुरी है और आपकी लग्न और इच्छा शक्ति. अगर यह सब आप मे है तो ज्यादा समय मत लगाइए बस काम मे जुट जाइए और मौके का फायदा उठा कर इसे कमाई का साधन भी बनाइए .
इसे “होम बेसड बिजनस” कहा जाता है या “वर्क एट होम” यानि घर बैठ कर काम करना भी कहते है ..इस काम मे आप दिन मे अपने हिसाब से 2-4 घंटे या जितना आप समय निकाल सकते हैं उतना निकाल कर जुट जाइए ..
अब बात यहाँ आती है कि सही जानकारी कहाँ से और कैसे मिल सकती है तो इसका हल भी है .. वैसे तो बहुत साईट है आपको जानकारी देने के लिए पर आपको सारी जानकारी अगर चाहिए तो इस क्षेत्र मे एक जाना माना नाम है संजय गुप्ता का .. उन्होने पिछ्ले 3-4 सालो मे इस पर बहुत काम किया है और वो इस नतीजे पर पहुचें है कि अगर इस काम को गम्भीरता से किया जाए तो सफलता आपके कदमो मे होगी.
तो क्या आप तैयार है नई दुनिया मे कदम रखने को....