सुन कर आप सोच रहे होगे कि भला आदमी और नाजुक ... हो ही नही सकते ... लेकिन यह बात काफी हद तक सही है हालांकि अपवाद तो हर जगह होते हैं असल मे .. आदमी खुद दिखाते नही हैं .. जैसाकि महिला करती है कि तुरंत रोना शुरु कर देती हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर आदमियो का दिल एक दम मोम की तरह होता है ..पर वो मजबूत हैं बस यह दिखाने की कला उन्हे आती है ..अभी कुछ दिन पहले मेरी सहेली अपने बच्चे को स्टेशन छोड्ने आई तो उसने बताया कि इसके पापा इसे छोड्ने कभी नही आते वो तो इसे बाय भी नही बोल सकते ..इसके एक दिन जाने से पहले ही वो उदास हो जाते हैं ..पापा को देख कर बेटा भी उदास हो जाता है ....इसलिए उसे ही हमेशा मन पक्का करके छोड्ने आना पडता है ..
एक हमारे पडोसी हैं जब से उनकी बेटी की शादी हुई है तब से वो चुप से हो गए है .. बेटी जब भी मिलने घर आती है वो उससे गले लग कर खूब रोते है ..अब जब उसके भी बेटी हो गई है .. उनके वापिस जाने के बाद वो अकेले बैठ कर खूब रोते हैं .. हार कर उनकी पत्नी को मन मजबूत करके उन्हे चुप करवाना पडता है ..
एक मित्र तो और भी कमाल है ..उनकी लड्की 25 साल की हो गई है .. जब भी उसके लिए कोई रिश्ता आता है तो वो किसी छोटे बच्चे की तरह रोने लग जाते हैं ..
दीपक जब से पेपर मे प्रथम आया और उनके घर जब भी बधाई का फोन आता उसके पापा भावुक हो उठते..
मोहन जी की पत्नी जब तक अस्प्ताल मे थी वो उनसे मिलने नही गए क्योकि वो उन्हे बीमार नही देख सकते थे .. वो अपना ही दिल पकड कर बैठ गए कि उन्हे ही कही कुछ ना हो जाए ..
ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है इस बारे मे ... जिससे बस एक ही बात सामने आती है कि आदमी भी नरम दिल के इंसान होते हैं बस वो दिखाते नही है अपने दिल मे ही रखते है यह बात आपको भी पता होगी ... है ना ... तो अगर आप किसी को पत्थर दिल आदमी बोले तो बोलने से पहले सोच लें ..
एक हमारे पडोसी हैं जब से उनकी बेटी की शादी हुई है तब से वो चुप से हो गए है .. बेटी जब भी मिलने घर आती है वो उससे गले लग कर खूब रोते है ..अब जब उसके भी बेटी हो गई है .. उनके वापिस जाने के बाद वो अकेले बैठ कर खूब रोते हैं .. हार कर उनकी पत्नी को मन मजबूत करके उन्हे चुप करवाना पडता है ..
एक मित्र तो और भी कमाल है ..उनकी लड्की 25 साल की हो गई है .. जब भी उसके लिए कोई रिश्ता आता है तो वो किसी छोटे बच्चे की तरह रोने लग जाते हैं ..
दीपक जब से पेपर मे प्रथम आया और उनके घर जब भी बधाई का फोन आता उसके पापा भावुक हो उठते..
मोहन जी की पत्नी जब तक अस्प्ताल मे थी वो उनसे मिलने नही गए क्योकि वो उन्हे बीमार नही देख सकते थे .. वो अपना ही दिल पकड कर बैठ गए कि उन्हे ही कही कुछ ना हो जाए ..
ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है इस बारे मे ... जिससे बस एक ही बात सामने आती है कि आदमी भी नरम दिल के इंसान होते हैं बस वो दिखाते नही है अपने दिल मे ही रखते है यह बात आपको भी पता होगी ... है ना ... तो अगर आप किसी को पत्थर दिल आदमी बोले तो बोलने से पहले सोच लें ..