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सोमवार, 13 अप्रैल 2009

पति परमेश्वर................[एक कविता] प्रिया प्रियम तिवारी की

तुम पति परमेश्वर हो,
तुम्हारे सारे अधिकार
मिले हैं, ईश्वर प्रदत्त,
तुम मेरे मान सम्मान के
रखवाले हो,
पर
जब चाहे मेरे मान सम्मान को
आहत कर सकते हो।

परमेश्वर बनकर मिल गया है
तुम्हें अधिकार ,
मेरे सम्मान को
कुचलने का
मैं तुम्हारी पत्नी हूँ,
श्रद्धा और त्याग की मूरत
अर्पण करूँ खुद को
तुम्हारे चरणों में
अपने अरमानों की चिता पर
पूरे होने दूँ तुम्हारे अरमान
तब मैं पत्नी हूँ "
आदर्श भारतीय पत्नी ।।

एहसास ...............[लघु कथा ] निर्मला कपिला जी



एहसास
बस मे भीड थी, उसकी नज़र सामनीक सीट पर पडी जिसके कोने मे एक सात आठ साल का बच्चा सिकुड कर बैठा था. साथ ही एक बैग पडा था
'बेटे आपके साथ कितने लोग बैठे हैं' शिवा ने ब्च्चे से पूछा जवाब देने के बजाये बच्चा उठ कर खडा हो डरा सा.... कुछ बोला नहीं , वो समझ गया कि लडके के साथ कोई हैउसने एक क्षण सोचा फिर अपनी माँ को किसी और सीट पर बिठा दिया और खाली सीट ना देख कर खुद खडा हो गया
तभी ड्राईवर ने बस स्टार्ट की तो बच्चा रोने लगा । कन्डक्टर ने सीटी बजाई ,एक महिला भग कर बस मे चढी उस सीट से बैग उठाया और बच्चे को गोद मे ले कर चुप कराने लगी। उसे फ्रूटी पीने को दी बच्चा अब निश्चिन्त हो गया था । कुछ देर बाद उसने माँ के गले मे बाहें डाली और गोदी मे ही सोने लग गया । उसके चेहरे पर सकून था माँ की छ्त्रछाया का.....
'' माँ,मैं सीट पर बैठ जाता हूँ,मेरे भार से तुम थक जाओगी''
''नहीं बेटा, माँ बाप तो उम्र भर बच्चों का भार उठा सकते हैं, तू सो जा''
माँ ने उसे छाती से लगा लिया
शिवा जब से बस मे चढा था वो माँ बेटे को देखे जा रहा था,उनकी बातें सुन कर उसे झटका सा लगा । उसने अपनी बूढी माँ की तरफ देखा जो नमआँखों से खिडकी से बहर झांक रही थी । उसे याद आया उसकी माँ भी उसे कितना प्यार करती थी । पिता की मौत के बाद माँ ने उसे कितनी मन्नतें माँग कर उसे भगवान से लिया था । पिता की मौत के बाद उसने कितने कष्ट उठा कर उसे पल पढाया । उसे किसी चीज़ की तंगी ना होने देती ,जब तक शिव को देख न लेती उसखथ से खाना ना खिल लेती उसे चैन नहिं आता , फिर धूम धाम से उसकी शादी की.....बचपन से आज तक की तसवीर उसकी आँखों के सामने घूम गयी .
अचानक उसके मन मे एक टीस सी उठी........वो काँप गया .......माँकी तरफ उस की नज़र गयी......माँ क चेहरा देख कर उसकी आँखों मे आँसू आ गये....वो क्या करने जा रहा है?......जिस माँ ने उसे सारी दुनिया से मह्फूज़ रखा आज पत्नी के डर से उसी माँ को वृ्द्ध आश्रम छ्होडने जा रहा है1 क्या आज वो माँ क सहारा नहीं बन सकता?
''ड्राईवर गाडी रोको""वो जूर से चिल्लाया
उसने माँ का हाथ पकडा और दोनो बस से नीचे उतर गये
जेसे ही दोनो घर पहुँचे पत्नी ने मुँह बनाया और गुस्से से बोली''फिर ले आये? मै अब इसके साथ नहीं रह सकती '' वो चुप रहा मगर पास ही उसका 12 साल का लडका खडा था वो बोल पडा....
''मम्मी, आप चिन्ता ना करें जब मै आप दोनो को बृ्द्ध आश्रम मे छोडने जाऊँगा तो दादी को भी साथ ही ले चलूंगा । दादी चलो मेरे कमरे मे मुझे कहानी सुनाओ '' वो दादी की अंगुली पकड कर बाहर चला गया..दोनो बेटे की बात सुन कर सकते मे आ गये । उसने पत्नी की तरफ देखा.....शायद उसे भी अपनी गलती का एहसास हो गया था ।

हिन्दी साहित्य मंच के नये साथी - कृष्ण कुमार यादव जी [एक परिचय ]

हिन्दी साहित्य मंच ' हिन्दी प्रेमियों का मंच' पर हमारे नये साथी के रूप में जुड़ रहे हैं कृष्ण कुमार यादव जी । एक परिचय इन नये साहित्य मंचीय कवि का प्रस्तुत है । साहित्य में गहरी रूचि और प्रेम रखने वाले मंचीय कविराज " श्री कृष्ण जी " ।

नाम : कृष्ण कुमार यादव
जन्म : 10 अगस्त 1977, तहबरपुर, आजमगढ़ (उ0 प्र0)
शिक्षा : एम0 ए0 (राजनीति शास्त्र), इलाहाबाद विश्वविद्यालय
विधा : कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, व्यंग्य एवं बाल कविताएं।
प्रकाशन : समकालीन हिंदी साहित्य में नया ज्ञानोदय, कादम्बिनी, सरिता, नवनीत, आजकल, वर्तमान साहित्य, उत्तर प्रदेश, अकार, लोकायत, गोलकोण्डा दर्पण, उन्नयन, दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीयसहारा, आज,द सण्डे इण्डियन, इण्डिया न्यूज, अक्षर पर्व, युग तेवर इत्यादि सहित 200 से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। दो दर्जन से अधिक स्तरीय काव्य संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन। विभिन्न वेब पत्रिकाओं- सृजनगाथा, अनुभूति, अभिव्यक्ति, साहित्यकुंज, साहित्यशिल्पी, लिटरेचर इंडिया, रचनाकार, हिन्दी नेस्ट, इत्यादि पर रचनाओं का नियमित प्रकाशन।
प्रसारण : आकाशवाणी लखनऊ से कविताओं का प्रसारण।
कृतियाँ : अभिलाषा (काव्य संग्रह-2005), अभिव्यक्तियों के बहाने (निबन्ध संग्रह-2006), इण्डिया पोस्ट- 150 ग्लोरियस इयर्स (अंगेरजी-2006), अनुभूतियाँ और विमर्श (निबन्ध संग्रह-2007), क्रान्ति यज्ञ: 1857-1947 की गाथा (2007)। बाल कविताओं व कहानियों के संकलन प्रकाशन हेतु प्रेस में।
सम्मान : विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान,महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, काव्य गौरव, राष्ट्रभाषा आचार्य, साहित्य मनीषी सम्मान, साहित्य गौरव, काव्य मर्मज्ञ, अभिव्यक्ति सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, साहित्य श्री, साहित्य विद्यावाचस्पति, देवभूमि साहित्य रत्न, ब्रज गौरव, सरस्वती पुत्र और भारती-रत्न से अलंकृत। बाल साहित्य में योगदान हेतु भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा सम्मानित।
विशेष : व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव‘‘ शोधार्थियों हेतु प्रकाशित। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु द्वारा सम्पादित ‘बाल साहित्य समीक्षा’(सितम्बर 2007) ए इलाहाबाद से प्रकाशित ‘गुफ्तगू‘ (मार्च 2008) द्वारा व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित।
अभिरूचियाँ : रचनात्मक लेखन व अध्ययन, चिंतन, नेट-सर्फिंग, फिलेटली, पर्यटन, सामाजिक व साहित्यिक कार्यों में रचनात्मक भागीदारी, बौद्धिक चर्चाओ में भाग लेना।
सम्प्रति/सम्पर्क :कृष्ण कुमार यादव, भारतीय डाक सेवा, वरिष्ठ डाक अधीक्षक, कानपुर मण्डल, कानपुर-208001