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गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

[अंदाज़]............................ नज़्म

इश्क करने वाले जानते हैं , मजबूरी क्या चीज़ है ?
अपनों का दिल तोडना तो यारो बहुत आसान है ।

उड़ने वाले परिंदों को पता है , उचाई क्या चीज़ है ?
ज़मीन पर रेगना तो यारो बहुत आसान है ।

क़यामत तक जीने वालों को पता है , ज़िन्दगी क्या चीज़ है ?
पंखे से झूल कर मरना तो यारो बहुत आसान है ।

जो जीते है दुसरो के लिए उनसे पूछो , पुण्य क्या चीज़ है ?
गंगा नहा कर पाप धोना तो यारो बहुत आसन है ।

गर्दन पर सूली रख जो जीते हैं उनसे पूछो , मेहनत क्या चीज़ है ?
.....अमानत लूट कर ऐश करना तो यारो बहुत आसान है ।

बिंदास कवियों से पूछो यारो ..मौज क्या चीज़ है ??
..घंटो भर में कविता लिखना तो *यज्ञ* बहुत आसान है ।