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गुरुवार, 18 अगस्त 2011

गज़ल ..........................सुजन जी

चेहरे से साफ झलकता है इरादा क्या है
सच छुपाने के लिये देखिये कहता क्या है
जैसे इन्सान में अहसास नहीं बाकी आज
किस घडी कौन बदल जाये भरोसा क्या है
फूलों से खुशबू महकती नहीं पहले जैसी
सोचिये अपनी मशीनों से निकलता क्या है

प्यार की चाह की ओर चैन गंवाया हमने
दिल लगाने का बताईये नतीजा क्या है
सामने पाके मुझे आप ठहर जाते हो

सच बताओ कि मेरा आपसे रिश्ता क्या है

26 comments:

Unknown ने कहा…

उम्दा ग़ज़ल कही जनाब !
आदाब

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सुन्दर भावपूर्ण ग़ज़ल .बधाई

वह दिन खुदा करे कि तुझे आजमायें हम

SACCHAI ने कहा…

" bahut hi umda ..."

waqt mile to yahan par bhi aaiyega sir ,

" अकल के मोटे ..दिमाग के लोटे : पप्पू धमाल (व्यंग)
http://eksacchai.blogspot.com/2011/08/blog-post_18.html

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, बेहतरीन।

Anupama Tripathi ने कहा…

कल-शनिवार 20 अगस्त 2011 को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा नयी-पुरानी हलचल पर है |कृपया अवश्य पधारें.आभार.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छी गज़ल

S.VIKRAM ने कहा…

बढ़िया ग़ज़ल का उम्दा शेर...
जैसे इन्सान में अहसास नहीं बाकी आज
किस घडी कौन बदल जाये भरोसा क्या है
धन्यवाद :)

sube singh sujan ने कहा…

आप सभी लोगों का तहे-दिल से धन्यवाद


सूबे सिहं सुजान

sube singh sujan ने कहा…

मुझे फेसबुक पर पढें
http://www.facebook.com/सुजान कवि

anita agarwal ने कहा…

bahut sunder rachana. khas ker ye lines..
सामने पाके मुझे आप ठहर जाते हो

सच बताओ कि मेरा आपसे रिश्ता क्या है

sube singh sujan ने कहा…

anita ji thanks

sube singh sujan ने कहा…

sabhi ka shukriya

sunita pandey ने कहा…

pyar ab bhacha hi khan hai ..aachi gazal hai ..

sube singh sujan ने कहा…

सुनिता जी शुक्रिया..............

sube singh sujan ने कहा…

हर जगह तेरी ही तस्वीर दिखाई दी है
जिससे बोलूं तेरी आवाज सुनाई दी है

sube singh sujan ने कहा…

जी ,, दादी पर गजल पढें

sube singh sujan ने कहा…

दोस्तो, आज मुझे मोटरसाईकिल पर चोट लग गई,कुछ बच्चे साईकिल पर जा रहे थे अचानक साईकिल आगे आ गई जिससे मुझे ब्रेक लगानी पडी और स्लीप होने से बुरी तरह से कमीज फटा था
लेकिन लोगों की संवेदना बिल्कुल मरी हुई देखने को मिली,किसी ने रूक कर पूछा नही

sube singh sujan ने कहा…

किसी मित्र ने टिप्पणी की बेनामी से.......जिससे मुझे अपनी पुरानी पोस्ट याद आई ,उस बेनामी व्यक्ति को प्रणाम.....और मैं सभी टिप्पणीकर्ता मित्रों का आभार....

sube singh sujan ने कहा…

सभी का सहृदयता से धन्यवाद

sube singh sujan ने कहा…

thanks my readers

sube singh sujan ने कहा…

AlbelaKhatri.com.....
अलबेला जी, बहुत बहुत शुक्रिया आपकी नवाजिश ए करम हम पर पडते रहें। आपसे सहयोग मांगता हूं कि हमें भी संवार दें। कुछ तो प्यार दें।।

sube singh sujan ने कहा…

शालिनी कौशिक , जी आपकी इनायते नज़र का शुक्रिया।।।
एक आज का नया शेर ही पेशे खिदमत करता हूँ।।
जो हुई हों गल्तियाँ हमसे तो मेरे दोस्तो, हम उतारें पगडियाँ हमको मुआ़फी चाहिये।।

sube singh sujan ने कहा…

प्रवीण पाण्डेय , जी नमस्कार आपकी, हाजिरी, हमारी किस्मत में एक नया पल जोडती है।
जो हुई हों गल्तियाँ हमसे तो मेरे दोस्तो, हम उतारें पगडियाँ हमको मुआ़फी चाहिये।।

sube singh sujan ने कहा…

अनुपमा त्रिपाठी, जी आपका धन्यवाद है।
मुझको आपकी दी हुी टिप्पणी याद है।।
फिर से आइये, स्वागत करते हैं। कुछ नये सुझाव दीजिये।।।
जो हुई हों गल्तियाँ हमसे तो मेरे दोस्तो, हम उतारें पगडियाँ हमको मुआ़फी चाहिये।।

sube singh sujan ने कहा…

what is coach factory>>??????
whats this comments

sube singh sujan ने कहा…

आप सब मित्रों का बहुत बहुत शुक्रिया...कि ग़ज़ल पर टिप्पणी करते रहे।