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गुरुवार, 3 मार्च 2011

कैसे बताये हम----------(कविता)---संगीता मोदी "शमा"

कैसे बताये हम प्यार की गहराई को ,
आकर के आँखों में देख लो हमारी,
जो जानना चाहो चाहत की इन्तहा ,
अश्को से हमारे आकर पूछ लो,
तडपता है ये दिल किस तरह तुम्हारे लिए ,
ये मसंद मेरा बता देगा तुम्हे ,
और यकीं जो तुम्हे ना इन पर हो तो ,
दिल पर हाथ रखकर अपने दिल से पूछ लो.

4 comments:

संतोष कुमार "प्यासा" ने कहा…

BEHATREEN PRASTUTI...
HAE SHABD ME JADU...

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

खुबसुरत रचना..बहुत सुंदर।

Shikha Kaushik ने कहा…

बहुत सुन्दर व् गहन भावों को अभिव्यक्त किया है आपने .बधाई .

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

दिल पर हाथ रखकर अपने दिल से पूछ लो
bilkul theek kha aapne
dil ki khabar dil ho hi jaya karti hai