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गुरुवार, 13 मई 2010

अच्छा लगा.........(ग़ज़ल )....श्यामल सुमन जी


हाल पूछा आपने तो पूछना अच्छा लगा
बह रही उल्टी हवा से जूझना अच्छा लगा

दुख ही दुख जीवन का सच है लोग कहते हैं यही
दुख में भी सुख की झलक को ढ़ूँढ़ना अच्छा लगा

हैं अधिक तन चूर थककर खुशबू से तर कुछ बदन
इत्र से बेहतर पसीना सूँघना अच्छा लगा

रिश्ते टूटेंगे बनेंगे जिन्दगी की राह में
साथ अपनों का मिला तो घूमना अच्छा लगा

कब हमारे चाँदनी के बीच बदली आ गयी
कुछ पलों तक चाँद का भी रूठना अच्छा लगा

घर की रौनक जो थी अबतक घर बसाने को चली
जाते जाते उसके सर को चूमना अच्छा लगा

दे गया संकेत पतझड़ आगमन ऋतुराज का
तब भ्रमर के संग सुमन को झूमना अच्छा लगा



लेखक परिचय :-

नाम : श्यामल किशोर झा

लेखकीय नाम : श्यामल सुमन

जन्म तिथि: 10.01.1960

जन्म स्थान : चैनपुर, जिला सहरसा, बिहार

शिक्षा : स्नातक, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र एवं अँग्रेज़ी

तकनीकी शिक्षा : विद्युत अभियंत्रण में डिप्लोमा

सम्प्रति : प्रशासनिक पदाधिकारी टाटा स्टील, जमशेदपुर

साहित्यिक कार्यक्षेत्र : छात्र जीवन से ही लिखने की ललक, स्थानीय समाचार पत्रों सहित देश के कई पत्रिकाओं में अनेक समसामयिक आलेख समेत कविताएँ, गीत, ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य आदि प्रकाशित
स्थानीय टी.वी. चैनल एवं रेडियो स्टेशन में गीत, ग़ज़ल का प्रसारण, कई कवि-सम्मेलनों में शिरकत और मंच संचालन।

अंतरजाल पत्रिका "अनुभूति, हिन्दी नेस्ट, साहित्य कुञ्ज, आदि में अनेक रचनाएँ प्रकाशित।
गीत ग़ज़ल संकलन प्रेस में प्रकाशनार्थ

रुचि के विषय : नैतिक मानवीय मूल्य एवं सम्वेदना

10 comments:

हिन्दी साहित्य मंच ने कहा…

श्यामल सुमन जी ... बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल . हर एक शेर पसंद आया ..बधाई

Unknown ने कहा…

हाल पूछा आपने तो पूछना अच्छा लगा
बह रही उल्टी हवा से जूझना अच्छा लगा

wah wah bahut khub ...

जय हिन्दू जय भारत ने कहा…

gazal padh kar mza aagya sir ji ..bahut hi accha likha aapne ..ye sher bahut accha laga ..
हाल पूछा आपने तो पूछना अच्छा लगा
बह रही उल्टी हवा से जूझना अच्छा लगा

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

wah wah sir ji bahut khub shaandaar gazal

badhai

अमिताभ मीत ने कहा…

क्या बात है सुमन जी ... बेहतरीन ग़ज़ल कही है ...

दीपक 'मशाल' ने कहा…

श्यामल 'सुमन' की रचनाओं का रंग अपने आप में सबसे अलग हीहोता है.. उनको पढने का अपना आनंद है.. आभार..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सकारात्मक भाव की गज़ल ...इसको पढ़ना अच्छा लगा..

श्यामल सुमन ने कहा…

आप सबके प्रति श्यामल सुमन का विनम्र आभार प्रेषित है। स्नेह बनाये रखें।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

सुरेश यादव ने कहा…

श्यामल सुमन को सुन्दर रचना के लिए बधाई.हिंदी साहित्य मंच को धन्यवाद,