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बुधवार, 19 मई 2010

ये मौसम का जादू है ...(लेख).............मोनिका गुप्ता

जी हाँ, मौसम भी हमारे जीवन मे जाने अंजाने जादू करता है हमारे मन को खुश, उदास या कभी थिरकने और नाचने पर मजबूर कर देता है. आप मान लिजिए कि आप आफिस जा रहे हैं जबरदस्त गरमी है उस वजह से आपको ना सिर्फ गुस्सा आएगा बलिक सड्क पर बेवजह पसीना पोछ्ते आप किसी से भी लडाई कर बैठेगें. उसे धमकी भी दे डालेगे पर इसी स्थिती मे अगर मौसम साफ ना हो यानि आकाश मे बाद्ल हो. गरमी के मौसम मे ठंडी हवा चल रही हो तो यकीनन आपका सीटी बजाता गुनगुनाता मन उसे बिना कुछ् कहे मुस्कुरा कर आगे बढ जाएगा. 

बात सिर्फ यही खत्म नही होती .बरसात का ये मतलब भी नही निकालना चाहिए कि मन हमेशा खुश ही रहेगा. पता है हल्की हल्की बूंदा बांदी अच्छी लगती है पर जहाँ मूसलाधार हो जाए वहा मन पकौडे और चाय से हट कर चिंता मे हो जाता है कि कही तेज बारिश से सड्क या गली का पानी घर मे तो नही आ जाएगा या छ्त तो ट्पकने नही लगेगी.ऐसे मे आप झाडू लेकर दरवाजे पर बैठे होते है कि ना जाने कब पानी भीतर आ जाएऔर तब फिल्मी गाने हवा हो जाते हैं और टेंशन उसकी जगह ले लेती है क्योकि नेट और फोन भी अनिशिचत काल के लिए शांत हो जाते हैं और उनके शांत होने का मतलब हमारा सारी दुनिया से सम्प्रर्क टूट जाना. बसंत के मौसम मे फूल कितने अच्छे लगते हैं. उन पर कितनी कविता बन जाती है पर जब हमे कोई फूल ही ना भेजे तो गुस्से का कोई अंत ही नही होता.

अब रही बात सरदी की.कितना भला लगता है ऐसे मौसम मे बाहर धूप मे बैठना. पर गुस्सा तब आता है जब आप बाहर पलंग़ और कुरसी डाल कर बैठे हो और धूप बादलो मे छिप जाए और शाम तक दर्शन ही ना दे उस समय जबरदस्ती आपको घर के भीतर ही जाना पडता है और हीटर से ही मन को समझाना पडता है  

तो देखा ऐसे ना जाने कितने उदाहरण हैं. हम तो वही है पर मौसम अपना जादू चला कर हमे अपने आधीन कर ही लेता है.तो अगर घर पर आपको जली या कच्ची रोटी मिले तो आप समझ जाना कि यह कुछ और नही मौसम का जादू है. आप मेरी बात से सहमत है या नही जरुर बताना.

7 comments:

हिन्दी साहित्य मंच ने कहा…

हा हा बहुत ही अच्छा लगा लेख ...जिस तरह से आपने घटनाक्रम को प्रस्तुत किया है ... मजेदार लगा .

Unknown ने कहा…

barish ho to bhigne ka mza kuch aur hai ...saath me chay aur pakudi aaha ...kya baat hai ..
shandaar lekh

Unknown ने कहा…

ha ha padh kar accha laga ...badahi monika ji

जय हिन्दू जय भारत ने कहा…

acchi prastuti rahi aapki ...pichli kuch post aapki padhi baut hi pasand aayi ..ek aur jordaar post ..badai

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

vakai ye mausam ka jaadu hai

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

दिलीप ने कहा…

bahut khoob maza aa gaya...

monica gupta sirsa haryana ने कहा…

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद .... मेरी इच्छा है कि हिन्दी साहित्य मंच का स्थान नम्बर एक पर हो और ज्यादा से ज्यादा पाठक इसे पढे और हर समय नए नए लेखो का इंतजार करें. हमारे भारत की यह वेब साईट अलग पहचान बन जाए.