प्रस्तुत कविता निराला जी द्वारा रचित है ! ये कविता मेरे ह्रदय को अतल स्पर्श करती है !
आशा है की आपको भी ये कविता पसंद आएगी !
गुरुवार, 6 मई 2010
निराला की निराली कविता -----सन्तोष कुमार "प्यासा"
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प्रस्तुत कविता निराला जी द्वारा रचित है ! ये कविता मेरे ह्रदय को अतल स्पर्श करती है !
आशा है की आपको भी ये कविता पसंद आएगी !
8 comments:
बेहद खूबसूरत व लाजवाब ।
is sunder rachana ki yaad dilane ke liye aabhaar!
बहुत आभार इस प्रस्तुति का.
निराला जी की एक सुन्दर रचना ।।।
bahut hi sunadr rachna ...padhvane ke liye dhanyavaad
यह एक बहुत सुन्दर ’गीत’ है---वस्तुतः यह आजकल कहा जाने वाला तथाकथित ’नवगीत’ है जिसे आजकल के कवि अपना नवीन आविष्कार कहते हैं, जो वास्तव में निराला जी पहले ही लिख चुके हैं। है यह गीत ही.
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