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बुधवार, 31 मार्च 2010

गजल .............भूतनाथ

अरे चला भी जा तू,मुझे ना तबाह कर !!

मुझे देख इस कदर,तू यूँ ना हंसा कर !!

कोई टिक ना सका,मेरे रस्ते में आकर !!

वफ़ा यहाँ फालतू है,जफा कर जफा कर !!

तू प्यार चाहता है ??,मेरे पास बैठा कर !! 

तुझे सुकून मिलेगा,इधर को आया कर !!

दुनिया बदल रही है,गाफिल तू भी बदल !!

(२) 

प्यार की इन्तेहाँ उरियां हो 

जैसे इक नदिया दरिया हो !! 

इक पल में फुर्र हो जाती है 

उम्र गोया उड़ती चिडिया हो !!

तुझसे क्या-क्या मांगता हूँ 

तेरे आगे अल्ला गिरिया हो !!

मैं तो चाहता ही हूँ कि मुझसे 

हर इक ही इंसान बढ़िया हो !!

सुख-दुःख गोया ऐसे भईया 

गले में हीरों की लड़ियाँ हों !!

तुमसे कहना चाहता हूँ ये मैं 

तुम बढ़िया हो बस बढ़िया हो !!

इतना बढ़िया जी जाऊं"गाफिल"

अल्ला भी कहे कि बढ़िया हो !!