ये कहानी वीरो की कहानी क्या कहता सुन ये मन है, क्यों सबकी आंखें नम हैं, कुछ तो खोया है, सब ने रोया है दर्द है ये दिल की है कहानी, वीरों ने दी है कुर्बानी है ये कहानी, वीरों की कहानी-२ फक्र है हमको नाज यहीं है, अपने देश का ताज यही है, सबकी इसने लाज बचा दी, मेरे गीतों का साज यही है हंस हंस के ये जान लुटा दे, लुटा दे अपनी जवानी है ये कहानी वीरों की कहानी-२ इसको तोड़ों उसको फोड़ो, नेताओं ने राग है छेड़ा जाति क्षेत्रा मजहब में तोड़ो, ताकि वोट मिले और थोड़ा शहीदों को भी वोट में तोले, कड़वी इनकी जुबानी है ये कहानी वीरों की कहानी-२ आम आदमी भीख मांगता, और नेता को देखो स्वीस बैंक में नोट छीपाके, कहते देश को बेचों चिंता छोड़ों दुनिया की, तुम अपनी चिंता कर लों कफन बेचदों वीरों की, पर अपनी जेब तो भर लो भाषण देकर पेट भरे, ये रित है बड़ी पुरानी है ये कहानी वीरों की कहानी-२
बुधवार, 19 अगस्त 2009
" है ये कहानी वीरो की कहानी " - नरेन्द्र निर्मल
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1 comments:
बेहद सुंदर । भावपूर्ण रचना
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