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बुधवार, 29 जुलाई 2009

मिलना न हो सकेगा हमारा............ये तुम जानती हो


मिलना न हो सकेगा

हमारा,

जानता हूँ मैं,

और

जानती हो तुम भी,

फिर भी

ये प्यार है कि-

हमेशा साथ रहेगा,

हमेशा पास रहेगा,

जिंदगी कट जायेगी,

इसी के सहारे,

तुम न मिली तो क्या?

तुम साथ नहीं तो क्या ,

हमारी सुनहरी यादें,

हमेशा साथ रहेंगी,

भले तुम कितनी भी दूर रहोगी,

फिर भी पास रहोगी,

कोशिशें कामयाब नहीं हुई,

फिर भी

एक खुशी तो है,

इस बात कीहमें ,

तुम साथ थी

और रहोगी सदा,

सोचता हूँ मैंयही- -

फासले कितने हों

फिर भी दूरी नहीं,

साथ जो भी मिला ,

वो कम तो नहीं,

प्यार में ये सनम,

मिलना जरूरी नहीं।