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गुरुवार, 22 जुलाई 2010

याद आता है.......(कविता).................. सुमन 'मीत'

याद आता है

वो माँ का लोरी सुनाना

कल्पना के घोड़े पर

परियों के लोक ले जाना

चुपके से दबे पांव

नींद का आ जाना

सपनों की दुनियाँ में

बस खो जाना ...खो जाना...खो जाना..................


 

याद आता है

वो दोस्तों संग खेलना

झूले पर बैठ कर

हवा से बातें करना

कोमल उन्मुक्त मन में

इच्छाओं की उड़ान भरना

बस उड़ते जाना...उड़ते जाना...उड़ते जाना.............


 

याद आता है

वो यौवन का अल्हड़पन

सावन की फुहारें

वो महका बसंत

समेट लेना आँचल में

कई रुमानी ख़ाब

झूमना फिज़ाओं संग

बस झूमते जाना...झूमते जाना...झूमते जाना............


 

याद आता है

वो हर गुजरा पल

बस याद आता है...याद आता है...याद आता है................!!

2 comments:

कविता रावत ने कहा…

याद आता है
वो हर गुजरा पल
बस याद आता है...याद आता है...याद आता है................!!
...ek umra ke baad jab duniyadari mein fans kar rah jaata hai insaan to jab bhi apne bachpan kee khati-meethi baaten yaad aati hain to wah ek thandi aah bhar paata hai..
Sundar manobhav banchpan kee yaad taaji karti hue

Mithilesh dubey ने कहा…

sach kaha aapne , yad aata haih bas yad aata hai, shyada esiliye ese yaden kahte hain hum, acchi rachna lagi