तब - लड़का लड़की बाजार में पहली बार मिले। एक झलक में लड़का लड़की का दीवाना हो गया। उसने आकर लड़की से कुछ पूछा। चुलबुली लड़की ने शोख अंदाज में हँसी-ठिठोली में हर सवाल का जवाब दिया। लड़की की कलात्मक चुनरी के बारे में पूछने पर लड़के को पता लगा कि लड़की की सगाई हो गई है। लड़की का प्यार, उसकी मोहक छवि, हँसी-ठिठोली, पहली मुलाकात लड़के के दिल में सदा बसी रही। और एक दिन लड़के ने मौत को हरा कर प्यार को अमर कर दिया क्योंकि ‘‘उसने कहा था।’’
अब - लड़के ने लड़की को देखा और प्यार हो गया। इंटरनेट पर चैटिंग, फोन पर बात और मोबाइल पर एस0एम0एस0 की बरसात हुई। लड़की ने लड़के को अपनी शादी के बारे में बताया। लड़का प्यार को देह, आकर्षण को हवस और समर्पण को कमजोरी से तौलने लगा। और एक दिन लड़के ने विश्वास को दरकिनार कर प्रेम को मौत दे दी; लड़की के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया क्योंकि ‘‘उसने ‘नहीं’ कहा था।’’
अब - लड़के ने लड़की को देखा और प्यार हो गया। इंटरनेट पर चैटिंग, फोन पर बात और मोबाइल पर एस0एम0एस0 की बरसात हुई। लड़की ने लड़के को अपनी शादी के बारे में बताया। लड़का प्यार को देह, आकर्षण को हवस और समर्पण को कमजोरी से तौलने लगा। और एक दिन लड़के ने विश्वास को दरकिनार कर प्रेम को मौत दे दी; लड़की के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया क्योंकि ‘‘उसने ‘नहीं’ कहा था।’’
समय के साथ प्रेम का स्वरूप भी बदल रहा है।
3 comments:
नमस्कार, आपने मुझे देखा है इस बात का मै यकीन करना तो चाहता हूँ लेकिन खैर जाने दीजिये, बाकि खैर ये बात आपकी बिलकुल सही है की मै काफी बुजुर्ग हूँ पुरे 32 साल का बुढा हूँ मै और जहां तक रही बात की मै क्या दिखाना चाहता हूँ तो मै कुछ नहीं दिखाना चाहता मै सिर्फ अपने ब्लॉग को सबकी रूचि का बनाना चाहता हूँ और ये भी चाहता हूँ की युवा लोग भी ब्लॉग और ब्लोगिंग से जुड़े
बहुत सही व सटिक चित्रण किया है आपने इस रचना के द्वार।
bahut saarthak chitran.
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