हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

मन संगीत

सुर,लय, ताल,छंदमय है मन संगीत



बहते रहते हर पल, प्रेम विरह के गीत


जैसे चाँद चकोर की प्रेम कहानी


वैसे ही है मन-विचार मन मीत



आशा निराशा के सुरों से पुलकित होता ह्रदय



मिलन-विरह की निरंतर चलती रहती रीत



सुख दुःख तो है मन संगीत के उतार चढाव



सौहार्द के पुष्प खिल जाए, जब हो मन से मन को प्रीत




सुखद,दुखद, सहज, कठिन मन संगीत



उम्मीदों अरमानो की धुन में, जाए जीवन बीत


मन से मन संगीत के मर्म को समझों


मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

1 comments:

honesty project democracy ने कहा…

अच्छी कविता , जीवन के सच्चे गीत को जो गाता है / देश और समाज के दुखों को ,वही दूर कर पाता है /अच्छी कविता के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद /