tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post7887481403428385857..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: "एक विनम्र निवेदन"हिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-34791578119633575462009-04-12T17:13:00.000+05:302009-04-12T17:13:00.000+05:30आदरणीय मयंक जी,यह आपका बड़प्पन है की आप इस प्रकार ...आदरणीय मयंक जी,<BR/>यह आपका बड़प्पन है की आप इस प्रकार त्रुटियों के लिए अग्रिम क्षमा मांग रहे हैं. वरना हम सब आपकी विद्वता और आपके साहित्य प्रेम से परिचित हैं. मुझे विश्वास है की आपके कुशल निर्देशन में हिंदी साहित्य मंच सफलता और उपलब्धियों की नई ऊँचाइयों को छुएगा. बाकी हम सबकी शुभकामनाएं तो आपके साथ हैं ही.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-41398265409374167632009-04-12T11:03:00.000+05:302009-04-12T11:03:00.000+05:30आपके लिए एक चुनौती जरूर है पर आप ही इस कार्य के लि...आपके लिए एक चुनौती जरूर है पर आप ही इस कार्य के लिए उपयुक्त हैं । मेरी ओर से शुभकामनाएं ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-59912719304557855882009-04-12T10:50:00.000+05:302009-04-12T10:50:00.000+05:30सर जी , आप अपना कार्य कुशलता से करेंगें ऐसी उम्मीद...सर जी , आप अपना कार्य कुशलता से करेंगें ऐसी उम्मीद हैं । कमियां और खमियां ही हमें कुछ सीखने पर मजबूर करती हैं । शुभकामनाएंहिन्दी साहित्य मंचhttps://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-78886507740851583192009-04-12T10:28:00.000+05:302009-04-12T10:28:00.000+05:30अग्रिम क्षमादान? आप तो यह मानकर चले हैं कि भूल होग...अग्रिम क्षमादान? आप तो यह मानकर चले हैं कि भूल होगी ही होगी. विश्वास रखिये. अवसर आने पर वानरों ने सेतु निर्माण कर लिया था. और नीशू जी ने तो अपना विकल्प आपको मान ही लिया है.<BR/><BR/>हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं.-कौतुकhttp://paricharcha.wordpress.com/noreply@blogger.com