tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post6027887131719325830..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: अंर्तद्वंद....[कविता]......संदीप मिश्रा जीहिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-290858522622089212010-01-23T13:13:52.525+05:302010-01-23T13:13:52.525+05:30जहां देखता हूं बस हर इंसान बेकरार दिखता है,
अकसर ह...जहां देखता हूं बस हर इंसान बेकरार दिखता है,<br />अकसर हर आदमी बस यही कहता है कि सब कुछ बिकता है। <br /><br />भई वाह बहुत खूब ।जय हिन्दू जय भारतhttps://www.blogger.com/profile/18149104970028225030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-71706720897888561982010-01-23T13:12:13.434+05:302010-01-23T13:12:13.434+05:30हिन्दी साहित्य मंच पर आपका स्वागत है । इंसानी जिंद...हिन्दी साहित्य मंच पर आपका स्वागत है । इंसानी जिंदगी पर आपकी रचना पसंद आयी ।हिन्दी साहित्य मंचhttps://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-78907576458695410572010-01-23T13:10:51.852+05:302010-01-23T13:10:51.852+05:30वाकई सच यही है आज के इंसान का ।वाकई सच यही है आज के इंसान का ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-65848478736757194632010-01-23T06:43:27.577+05:302010-01-23T06:43:27.577+05:30जहाँ देखो परेशान बेहाल इंसान ...मगर यही जीने का ...जहाँ देखो परेशान बेहाल इंसान ...मगर यही जीने का हसला भी देते हैं ...<br />औरो का ग़म देखा तो अपना भूल गए ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-69965876558614547272010-01-23T05:21:28.781+05:302010-01-23T05:21:28.781+05:30आज कल जो भी दिखता है परेशान दिखता है,
वक्त ऐसा है ...आज कल जो भी दिखता है परेशान दिखता है,<br />वक्त ऐसा है बस इंसान ही नहीं दिखता है।<br /><br />-बहुत बेहतरीन, वाह!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-72891008204646424272010-01-22T19:23:02.509+05:302010-01-22T19:23:02.509+05:30बिल्कुल सही बात लिखी है आपने कविता में । आज ऐसा ही...बिल्कुल सही बात लिखी है आपने कविता में । आज ऐसा ही है इंसान ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.com