tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post5682070594729448134..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: प्यार का पंरीदाहिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-49285906015212781502010-02-26T15:30:59.232+05:302010-02-26T15:30:59.232+05:30बहुत ही उम्दा व खूबसूरत अभिव्यक्ति लगी ।बहुत ही उम्दा व खूबसूरत अभिव्यक्ति लगी ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-84077143344134588242010-02-26T08:05:29.298+05:302010-02-26T08:05:29.298+05:30मैंने देखा उसके प्यार को,
वह निष्ठुर बना रहा.
न सम...मैंने देखा उसके प्यार को,<br />वह निष्ठुर बना रहा.<br />न समझ पाया परिंदे के प्यार को,<br />और बन बैठा हत्यारा अपने प्यार का.<br /><br />आपकी ये पंक्ति बहुत उम्दा लगी ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-70279361471184142502010-02-26T08:03:40.810+05:302010-02-26T08:03:40.810+05:30बहुत ही उम्दा व लाजवाब भाव लगें ।बहुत ही उम्दा व लाजवाब भाव लगें ।जय हिन्दू जय भारतhttps://www.blogger.com/profile/18149104970028225030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-2257682453025198282010-02-26T08:02:10.026+05:302010-02-26T08:02:10.026+05:30बहुत ही सुन्दर भाव, आभार ।बहुत ही सुन्दर भाव, आभार ।हिन्दी साहित्य मंचhttps://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.com