tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post4166607658043503144..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: अस्पताल बीमार..................श्यामल सुमनहिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-21709814908008708122010-05-31T10:47:22.175+05:302010-05-31T10:47:22.175+05:30bahut sunder rachna.bahut sunder rachna.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-9066520030112755882010-05-30T21:01:24.636+05:302010-05-30T21:01:24.636+05:30बहुत सही!!!! :)बहुत सही!!!! :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-87073913490088061912010-05-30T20:57:27.330+05:302010-05-30T20:57:27.330+05:30खैर , आपकी रचना बहुत सुन्दर है !खैर , आपकी रचना बहुत सुन्दर है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-83826237939941778122010-05-30T20:54:56.406+05:302010-05-30T20:54:56.406+05:30श्यामल जी आपकी इस रचना ने मुझे अपने स्कूल के दिनों...श्यामल जी आपकी इस रचना ने मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद दिला दी जब मैंने अपने एक दोस्त को थप्पड़ मार दिया था , हुआ योंकि कॉलेज में पीरिओद ख़त्म होने के बाद हम उसके घर में बैठी थे , सामने सड़क थी ! हम लोग गपशप कर रहे थे कि सामने सड़क पर एक पैर से अपाहिज लडकी को जाते देख उसने वह गाना गाना शुरू कर दिया - धीरे रे चलों मेरी लंगडी बंदरिया , मैं ठहरा सोर्ट टेम्पर सो जड़ दिया एक .पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com