tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post2111038675615897918..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म---------मिथिलेश दुबेहिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-54239474883388813662010-08-22T12:00:33.713+05:302010-08-22T12:00:33.713+05:30तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म
रा...<b><i>तेरा धर्म महान कि मेरा धर्म</i></b><br /> <br />राष्ट्र की गंभीर समस्याओं को इंगित करते हुए <b>भाई मिथिलेश जी दुबे </b> ने सारगर्भित रचना लिखी है । <br />युवा को जब देश की यथास्थिति का भान और परिस्थितियों से निपटने का ज्ञान होता है , तो समस्याएं सुलझने में सुगमता रहती है । और ऐसे युवाओं का बाहुल्य उत्तरोतर बढ़ते रहने से समस्याओं के उन्मूलन की संभावना भी बढ़ती जाती है ।<br />श्रेष्ठ रचना के लिए मिथिलेश जी को बधाई और मंगलकामनाएं !<br /> <br /><br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com