tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post2094553324655684980..comments2024-01-19T14:09:34.036+05:30Comments on हिन्दी साहित्य मंच: "दहाडों को डरते देखा है" - पंकज उपाध्यायहिन्दी साहित्य मंचhttp://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4902584183695074018.post-56006380147252436892009-08-15T17:27:51.950+05:302009-08-15T17:27:51.950+05:30बदली बनकर पीर बरसती
शब्दों में ढल आये भाव,
क्या कह...बदली बनकर पीर बरसती<br />शब्दों में ढल आये भाव,<br />क्या कहते सुनते चलते हैं<br />च्प्पे - चप्पे मन की छाप ।<br /><br /><br />स-स्नेह<br />गीतागीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.com