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शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

होली के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं तथा एक सन्देश


खून की होली मत खेलो
प्यार के रंग मे रंग जाओ.
जात-पात के रंग न घोलो
मानवता मे रंग जाओ.
भूख-गरीबी का दहन करो
भाई चारे मे रंग जाओ.
अहंकार की होली जलाकर
विनम्रता मे रंग जाओ.
ऊँच-नीच का भेद खत्म कर
आओ गले से मील जाओ.
होली पर्व का यही संदेशा
देश प्रेम मे रंग जाओ.

प्रस्तुति-- डाo कीर्ति वर्धन

5 comments:

हिन्दी साहित्य मंच ने कहा…

बहुत ही बढ़िया जन संदेश दिया है आपने अपनी रचना के माध्यम से , आपको होली की बधाई ।

जय हिन्दू जय भारत ने कहा…

बहुत ही उम्दा संदेश दिया है आपने होली के पावन अवसर पर, आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।

Unknown ने कहा…

डाo साहब काश की आपकी बातों पर अमल किया जाए और हर दिंन ही प्रेम के साथ बिते , बहुत ही बढ़िया रचना लगी , आपको होली की बधाई ।

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

रंग पर्व की रंगकामनाएं

बेनामी ने कहा…

सच्चे सन्देश देती सुंदर रचना जिसकी आज हमें परम आवश्यकता - धन्यवाद् - होली "मंगल-मिलन" की हार्दिक शुभकामनाएं